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 Motivational Story | Motivational Story in Hindi | प्रेरक कहानी


नमस्कार दोस्तों

दोस्तों आज जो मैं आपको कहानी सुनाने जा रहा हूं।  वह आपको अत्यंत Motivate  कर देने वाली है
यह कहानी है आपके प्रयास की, आपके साहस की और आपके पेशेंस की।  आप जितना पेशेंस करते हैं और उसके साथ-साथ अपने कार्य में निरंतर लगे रहते हैं। वही वास्तव में सफलता की पहली कुंजी है।

यह कहानी तब की है जब भारत में राजा महाराजाओं का दौर चल रहा था। उसी समय के एक राजा के राज्य में किसी दूसरे राजा का राजदूत आया और अपने साथ एक अनमोल पत्थर की भेंट राजा को देने के लिए साथ लाया। उसने राजा को वो पत्थर भेंट में दिया। वह पत्थर अत्यंत सुंदर था। राजा उसे देखकर ही मोहित हो गया।  और तुरंत ही उसने अपने प्रधानमंत्री को उस पत्थर से भगवान विष्णु की मूर्ति बनवाने का आदेश दिया। आदेश पाकर प्रधानमंत्री उस सुंदर पत्थर को लेकर एक मूर्तिकार के पास पहुंचे।

मूर्तिकार ने उस पत्थर को भगवान विष्णु की मूर्ति में डालने की कीमत 50 स्वर्ण मुद्रिका बताई। प्रधानमंत्री यह देने के लिए तैयार हो गए हैं। अब क्या था उस मूर्तिकार ने अपने औजार यानी कि हथोड़ा निकाला और उस पत्थर पर मरने लगा ताकि वह एक भगवान विष्णु की अत्यंत सुंदर मूर्ति बना सकें, पर जो जो वह हथोड़ा पत्थर मारता पत्थर टस से मस नहीं होता था। क्योंकि वह बड़ा मजबूत था। 



उस मूर्तिकार ने बहुत प्रयास किया लेकिन वह उस पत्थर को कुछ नहीं कर पाया। एक दिन हारकर उसने प्रधानमंत्री से कहा कि वह इस पत्थर की मूर्ति नहीं बना सकता , और क्षमा याचना करने लगा। प्रधानमंत्री ने बिना समय गवाएं उस पत्थर को वहाँ से उठवा कर किसी दूसरे मूर्तिकार के पास भिजवा दिया। और उसे भगवान विष्णु की प्रतिमा बनाने के लिए कहा।

जब दूसरे मूर्तिकार ने उस पत्थर को भगवान विष्णु की प्रतिमा में ढलने डालने का प्रयास किया तो हथौड़े के पहले ही वार से वह मूर्ति टूट गई।  यह देख कर महामंत्री जी भी चकरा गए और मन ही मन सोचने लगे कि यह सारी बातें प्रयास की हैं। उसे पहले ही उस पहले मूर्तिकार ने अपना पेशंस खो दिया था। और उस पहले मूर्तिकार की हुई मेहनत इस दूसरे मूर्तिकार के काम आए आई।

Moral Of the Story:-

कई बार आप सब ने यह देखा होगा कि आप किस चीज पर मेहनत करते हैं, और जब कोई रिजल्ट सामने नहीं आता तो आप मेहनत करते हुए अपने मन से थक जाते हैं।  तो आप उस कार्य को वहीं पर छोड़ देते हैं।  लेकिन जब वही काम जब कोई दूसरा आरंभ करता है।  तो उसे अपने मंजिल तक पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगता। क्योंकि मैक्सिमम वर्क आप उस पर पहले ही कर चुके थे।  उस कार्य को बस एक फाइनल टच की जरूरत थी।  जो दूसरे व्यक्ति ने उसे दे दिया और अपना काम करने में वह सफल हुआ। तो मैं आपसे ही कहूंगा कि धैर्य रखें और निरंतर भगवान में विश्वास रखकर अपना कार्य करते रहिए।

A request from writter:-

 मेरे प्यारे मित्रों, यह Motivational Story हमने आपके लिए लिखि है ताकि आप अपने जीवन में हमेशा Motivate रहे। और आगे भी आप को Motivate करने के लिए अनेक कहानियां और कथाएं लेकर आते रहेंगे जो सच्ची घटनाएं होंगी और जो किसी के जीवन से जुड़ी होंगी और आपको आपके लक्ष्य तक पहुंचाने में आपकी सहायता  करेंगी। तो कृपया हमारी वेबसाइट पर आते रहे और हमें आपकी सेवा का मौका  देकर हमें कृतज्ञ करते रहे।  हम आपके सदा आभारी रहेंगे।

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धन्यवाद


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